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सूचित रहें

जानकारी ही हर चीज़ की कुंजी है। आँखें वही देखती हैं जो मस्तिष्क जानता है और इसी तरह सभी इंद्रियाँ वही समझती हैं जो मस्तिष्क जानता है। जानकारी जिज्ञासा को जन्म देती है, जो अधिक जानकारी की तलाश करती है और इस प्रकार सामूहिक ज्ञान और बुद्धिमत्ता बढ़ती है। यहीं पर सार्थक जीवन का सच्चा उद्देश्य पाया जा सकता है।

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